क्यों करना पड़ता है हर बार, हर किसी को इकरार मोहब्बत में, क्या हमारी आँखो में प्यार न क्यों करना पड़ता है हर बार, हर किसी को इकरार मोहब्बत में, क्या हमारी आँखो ...
ग़म झेल लिए बचपन से ख़ूब तूने देखो आज़म भुलाकर दिल से ग़म मुस्कुराया जाये। ग़म झेल लिए बचपन से ख़ूब तूने देखो आज़म भुलाकर दिल से ग़म मुस्कुराया जाये।
मुहब्बत मुहब्बत
उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में। उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में।
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में